Ek Nazar

Tuesday, 28 February 2017

Heart touching story , in hindi-english

The story of a milk bucket-

एक बार एक राजा के राज्य में महामारी फैल गयी,चारों ओर लोग मरने लगे। राजा ने इसे रोकने के लिये बहुत सारे उपाय करवाये,मगर कुछ असर न हुआ और लोग मरते रहे।  दुखी राजा ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। तभी अचानक आकाशवाणी हुई।   आसमान से आवाज़ आयी कि हे राजा तुम्हारी राजधानी के बीचो बीच  जो पुराना सूखा कुंआ है अगर अमावस्या की रात को राज्य के प्रत्येक घर से एक –     एक बाल्टी दूध उस कुएं में डाला जाये तो अगली ही सुबह ये    महामारी समाप्त हो जायेगी और लोगों का मरना बन्द हो जायेगा।   राजा ने तुरन्त ही पूरे राज्य में    यह घोषणा करवा दी कि महामारी से बचने के लिए अमावस्या की रात को हर घर से कुएं में एक-एक बाल्टी दूध डाला जाना अनिवार्य है ।
अमावस्या की रात जब लोगों को कुएं में दूध डालना था ,
उसी रात राज्य में रहने वाली एक  चालाक एवं कंजूस बुढ़िया ने सोंचा कि सारे लोग तो कुंए में दूध डालेंगे अगर मै अकेली एक बाल्टी पानी डाल दूं तो  किसी को क्या पता चलेगा। 
                     
                     
 इसी विचार से उस कंजूस बुढ़िया ने रात में  चुपचाप एक बाल्टी पानी कुंए में डाल दिया। अगले दिन जब सुबह हुई तो लोग वैसे ही मर रहे  थे। कुछ भी नहीं बदला था क्योंकि महामारी समाप्त नहीं हुयी थी।   राजा ने जब कुंए के पास जाकर इसका कारण जानना चाहा तो उसने देखा कि सारा कुंआ पानी से भरा हुआ है।  दूध की एक बूंद भी वहां नहीं थी।   राजा समझ गया कि इसी कारण से महामारी दूर नहीं हुई और लोग अभी भी मर रहे हैं।  दरअसल ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि जो विचार उस बुढ़िया के मन में आया था,  वही विचार पूरे राज्य के लोगों के मन में आ गया और किसी ने भी कुंए में दूध नहीं डाला  मित्रों , जैसा इस कहानी में हुआ वैसा ही हमारे जीवन में भी होता है।   जब भी कोई ऐसा काम आता है ,
 जिसे बहुत सारे लोगों को मिल कर करना होता है ,तो अक्सर हम अपनी जिम्मेदारियों से यह  सोच कर पीछे हट जाते हैं  कि, कोई न कोई तो कर ही देगा   और हमारी इसी सोच की वजह से स्थितियां वैसी की वैसी बनी रहती हैं।  अगर हम दूसरों की परवाह किये बिना अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने लग जायें तो पूरे देश में ऐसा बदलाव ला सकते हैं ,  जिसकी आज हमें ज़रूरत है।

                   IN-ENGLISH 

Once an outbreak has happened in the reign of king around, people began to die. The king of measures undertaken to prevent this, but some people die and are not affected. Unhappy king prayed to God. Suddenly a voice from heaven. The king your voice from the sky in the heart of the capital, which is the old dry well in the state of each house on the night of the moon - a bucket of milk is added to the well so the next morning they will end the epidemic and people die will close down.
Moonless night, people pour the milk into the well was
A smart and stingy old woman living in the same night that the Soncha so many people if I only put the milk in the well pour a bucket of water, then you will know someone.

The idea that stingy old woman quietly in the night, put a bucket of water in the well. The next day, in the morning, people were already dead. There was nothing had changed since the epidemic was over. When the king demanded to know why he went to the well and saw that all the water is full of Well. There was not a drop of milk. King understood that this was not the reason the epidemic and people are still dying. . Whenever it comes to working,

 Too many people get to do that, so often, we tend to retreat from our responsibilities, thinking that, someone is sure to have the same thinking to our conditions remain intact. Others, regardless of if we should take responsibility for your part in the whole country, it can make a difference, which we need today.




2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 01 जून 2019 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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  2. शिक्षाप्रद कहानी

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