Ek Nazar

Saturday 18 February 2017

Maxim in hindi,english and sanskrit


सुभाषित -(maxim)
                   

1. आयुषः क्षण एकोऽपि सर्वरत्नैर्न न लभ्यते।
नीयते स वृथा येन प्रमादः सुमहानहो ॥

Even a single second in life cannot be obtained back by all precious jewels. Hence spending it wastefully is a great mistake. 


आयु का एक क्षण भी सारे रत्नों को देने से प्राप्त नहीं किया जा सकता है, अतः इसको व्यर्थ में नष्ट कर देना महान भूल है ॥


                                                                     

2. व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं।
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥

Exercise results in good health, long life, strength and happiness. Good health is the greatest blessing. Health is means of everything.


व्यायाम से स्वास्थ्य, लम्बी आयु, बल और सुख की प्राप्ति होती है। निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं॥


                                                                     

3. मात्रा समं नास्ति शरीरपोषणं चिन्तासमं नास्ति शरीरशोषणं।
मित्रं विना नास्ति शरीर तोषणं विद्यां विना नास्ति शरीरभूषणं॥

Nothing nourishes body like balanced life. Nothing sucks body like anxiety. Nothing pleases body like friend. There is no ornament for body like knowledge.


संतुलित जीवन के समान शरीर का पोषण करने वाला दूसरा नहीं है, चिंता के समान शरीर को सुखाने वाला दूसरा नहीं है, मित्र के समान शरीर को आनंद देने वाला दूसरा नहीं है और विद्या के समान शरीर का दूसरा कोई आभूषण नहीं है।

                                                              

4. गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत् । 
वर्तमानेन कालेन वर्तयन्ति विचक्षणाः॥

One should not mourn over the past and should not remain worried about the future. The wise operate in present.


बीते हुए समय का शोक नहीं करना चाहिए और भविष्य के लिए परेशान नहीं होना चाहिए, बुद्धिमान तो वर्तमान में ही कार्य करते हैं।

                                                              

5. न हि कश्चित् विजानाति किं कस्य श्वो भविष्यति ।
अतः श्वः करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान्।।

No one knows what will happen to whom tomorrow. So a wise man should

do all tomorrow’s tasks today.

कीसी को कुछ भी पता नही है की कल क्या होने वाला है । 

ये समझने वाले बुद्धिमान लोग कल का काम आज ही कर लेते है।
                                                              

6. अन्नदानं परं दानं विद्यादानमतः परम्।
अन्नेन क्षणिका तृप्ति-र्यावज्जीवं च विद्यया॥

Giving food is the greatest charity so giving knowledge is even greater than that because food provides the contentment for a minute and knowledge for whole life.


अन्न दान परम दान है, अतः विद्या दान उससे भी बड़ा है क्योंकि अन्न से क्षण भर की तृप्ति होती है और विद्या से आजीवन।

                                                              

7. दानेन तुल्यो विधिरास्ति नान्यो लोभोच नान्योस्ति रिपु: पॄथिव्या |
विभूषणं शीलसमं च नान्यत् सन्तोषतुल्यं धनमस्ति नान्यत् ||

No ritual as sacred as charity. No enemy like greed. No ornament like chastity. No wealth like contentment.


दान के समान कोई यज्ञ नहीं, लालच के समान कोई शत्रु नहीं , शील (चरित्र) के समान कोई आभूषण नहीं, और संतोष के समान कोई धन नहीं।

                                                              

8.क्षमा शस्त्रं करे यस्य दुर्जन: किं करिष्यति।
अतॄणे पतितो वन्हि: स्वयमेवोपशाम्यति।।

What can a wicked person do to someone who has the weapon of fogivance in his hands ? Fire fallen on ground without any grass extinguishes by itself.


क्षमारूपी शस्त्र जिसके हाँथ में हो, उसे दुर्जन क्या कर सकते हैं? क्योंकि अग्नि जब किसी घाँस विहीन स्थान पर गिरती है, तो अपने आप ही बुझ जाती है।

                                                              

9.उदये सविता रक्तो रक्त:श्चास्तमये तथा।
सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता॥

The sun looks red while rising and setting. Great men too remain alike in both the good and bad times.


उदय होते समय सूर्य लाल होता है और अस्त होते समय भी लाल होता है, सत्य है महापुरुष सुख और दुःख में समान रहते हैं। 


                                                                     

10. उत्साहो बलवानार्य नास्त्युत्साहात्परं बलम्।
सोत्साहस्य च लोकेषु न किंचिदपि दुर्लभम्॥

Enthusiasm is the power of noble men. Nothing is as powerful as enthusiasm. Nothing is difficult in this world for an enthusiastic person.


उत्साह श्रेष्ठ पुरुषों का बल है, उत्साह से बढ़कर और कोई बल नहीं है। उत्साहित व्यक्ति के लिए इस लोक में कुछ भी दुर्लभ नहीं है।

  •                                                                                                          THANKYOU

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